STORYMIRROR

अधिकार हिन्दीकविता hindikavita तहस-नहस व्यग्र हो चिल्लाते न सुनें फरियाद खरोंच लम्हें जिंदगी के अपने प्रियतम को पा कर पल दो पल याद कर लिया ख़ुद को कर दूँ विसर्जित तुम्हारी यादों को गंगा में... अंदर की आग आदमी को अधमरा कर छोड़ती है! अग्नि संतुलन विस्मृत अधेर

Hindi कर्तव्यों को विस्मृत कर Poems